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Andekhi vastu ko aise pukaro jaise wo hai


 [ इब्रानियों  11:1] 

अब विश्वास आशा की हुई वस्तुओं का निश्चय, और अनदेखी वस्तुओं का प्रमाण है।

दोस्तों हमारे जीवन में  विश्वास हौना बहुत ज़रूरी है जैसा की बाइबल में भी लिखा है की और विश्वास बिना उसे प्रसन्न करना अनहोना है, क्योंकि परमेश्वर के पास आने वाले को विश्वास करना चाहिए, कि वह है; और अपने खोजने वालों को प्रतिफल देता है। [ इब्रानियों  11]  विश्वास के बिना आप परमेश्वर को ख़ुश नहीं के सकते आपके अंदर विश्वास होना चाहिए कि परमेश्वर है और ज़िंदा है और मेरी दुआ सुनते है । 


काफ़ी बार हमारे जीवन में दुख , परेशानी, बीमारी आने के कारण हम चिंता में आ जाते है यही समय होता है हमारे विश्वास को दिखाने का । लेकिन लोग तो इसका उल्टा ही करते है चिंताओ में बैठ जाते है की अब क्या होगा कैसे होगा और ना दुआ करते है ना प्रार्थना और अगर उनसे पूछा जाये की आप दुआ क्यों नहीं कर रहे हो तो कहते है हमे चिंता हो रही है अब क्या होगा कैसे होगा तो बहनों और भाईयों हम आपको बताना चाहते है कि आपके चिंता करने से कुछ भी नहीं होगा ।  और प्रभु येशु ने भी कहा (तुम में कौन है, जो चिन्ता करके अपनी अवस्था में एक घड़ी भी बढ़ा सकता है 


[मत्ती  6]  इसलिए भाइयों और बहनों आपकेचिंता करने से कुछ होने वाला नहीं है लेकिन हा आपके विश्वास से बहुत कुछ हो सकता है जैसा कि प्रभु येशु ने कहा  (यदि तुम्‍हारा विश्‍वास राई के दाने के बराबर भी हो, तो यदि तुम इस पहाड़ से यह कहोगे, 'यहाँ से वहाँ हट जा', तो यह हट जाएगा; और तुम्‍हारे लिए कुछ भी असम्‍भव नहीं होगा।) प्रियों आपका विश्वास बहुत मज़बूत हो और ख़ुदा पे हो  की प्रभुही सब कुछ ठीक करेगा । क्यीं बार लोग दुआ तो करते है लेकिन सबर नहीं करते वो बस जल्दी जल्दी चमत्कार चाहते है तो हमे ऐसा विश्वास नहीं करना चाहिये प्रियों बल्कि एसा विश्वास करना चाहिये कि चाहे ख़ुदा तू मुझे दे चाये ना दे मैं जानता हूँ तू मेरा भला ही चाहता है और जो मेरे लिये अच्छा होगा वही तू करेगा 


।1)हमारा विश्वास बच्चो के समान होना चाहिये कि प्रभु हमे सुन रहा है ।2) और दूसरा विश्वास हमे होना चाहिये कि ख़ुदा जो मैंने माँगा है ज़रूर देगा । 3) और तीसरा ये की अगर ख़ुदा नहीं दे रहा है तो ज़रूर वो चीज़ मेरे लिये सही नहीं होगी खुदा उस से अच्छा कुछ मुझे देगा । क्यों की प्रभु से जादा प्यार आपको कोई नहीं कर सकता दोस्तों ना ही प्रभु से बड़कर कोई हमारी भलाई चाहाता है । दोस्तों आपका विश्वास आसा होना चाहिये की जो मैंने दुआ की जो मैंने माँगा ख़ुदा से वो मुझे मिल गया है थोड़ा सा भी शक ना करे बस विश्वास में बने रहे। ऐसे विश्वास को देखकर  प्रभु खुश होते है और अपने अनुगृह से आपको आशीषे और बरकते देते है । 


आमीन

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